Sunday, December 28, 2008

तेरे चेहरे से बयान होते हैं...!!!

लब छुपाते है जिन राजो को वो आंखों से बयान होते हैं...
जेहेन में उमड़ते तूफ़ान तेरे चेहरे से बयान होते हैं...

ऐ मोहब्बत में रातो को उठ उठ कर रोने वाले सुनजा ...
आंसू तेरे आँखों से नहीं गीले हिजाब से बयान होते हैं...

वादे तुने जो भी किए मुझसे सब के सब झूठे निकले...
न आने के चर्चे तेरे घर से नहीं मजार से बयान होते हैं...

खुशी की इन्तेआह जो तुझे उसकी बाहों में मिल रही है...
मुस्कुराहटों से नहीं निशाँ उसके खरोंचो से बयान होते हैं...

भुला चुकी मेरी यादो के निशाँ ऐ मेरी जिंदगी -ऐ-मोहब्बत ....
कहने से नहीं वो तो तेरी ढलती आँखों से बयान होते हैं...

भावार्थ...

No comments: