Tuesday, December 2, 2008

सोनिये तू !!!

मेरी जिंदडी का सरमाया तू है सोनिये...
मेरी मदहोशी का वो राज तू है सोनिये...
सोनिये तू !!! सोनिये तू !!!

फिजा में बिखरी ताजगी है तू...
हवाओ में सिमटी सादगी है तू ...
फलक तक सजी बहार तू है सोनिये...
मेरी मदहोशी का वो राज तू है सोनिये...

मेरी जिंदडी का सरमाया तू है सोनिये...
मेरी मदहोशी का वो राज तू है सोनिये...
सोनिये तू !!! सोनिये तू !!!

दिल से उठी एक मीठी आवाज़ है तू...
साँसों से उठाये झंकार वो साज है तू...
गीत सा बना मेरा अफ़कार तू है सोनिये...
मेरी मदहोशी का वो राज तू है सोनिये...

मेरी जिंदडी का सरमाया तू है सोनिये...
मेरी मदहोशी का वो राज तू है सोनिये...
सोनिये तू !!! सोनिये तू !!!

मेरे लिए तो खुदा की खुदाई है तू...
मेरी तमन्नाओ की परछाई है तू...
कोरे कागज़ पे रंगों की खिजा तू है सोनिये...
मेरी मदहोशी का वो राज तू है सोनिये...

मेरी जिंदडी का सरमाया तू है सोनिये...
मेरी मदहोशी का वो राज तू है सोनिये...
सोनिये तू !!! सोनिये तू !!!

भावार्थ...

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