अगर इक आशिक न होते तो हम भी बा-कमाल होते...
मिटते न यु मोहब्बत में तो हम भी बेमिसाल होते...
हमारी शख्शियत जो कूंचों पे नीलम हुई तेरे लिए ...
न मिलती नज़रे तुझसे तो हम भी नूर-ऐ-जलाल होते...
वखत उस मगरूर ने हमारी जानी ही नहीं वरना ...
लाखो के जवाब न सही हम पर करोडो के सवाल होते...
हमारे चिराग की रौशनी इतनी भी कम न थी बेवफा...
न होते जो परवाने तेरे तो हम भी जलती मशाल होते...
एक तू ही तो खूबसूरत नहीं दुनिया में नाजनीन बता ...
तेरी तमन्ना न होती तो हम भी किसी का मलाल होते...
बुझ गए किसी दिए की तरह हम भी फूँक से आज फ़िर...
तेरी आस नहीं होती तो हम भी मुनव्वर-ऐ-हिलाल होते...
भावार्थ
3 comments:
bahut khoob!!
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