Monday, December 15, 2008

तू मेरी ज़िन्दगी है

तू मेरी ज़िन्दगी है तू मेरी हर खुशी है...
तू ही प्यार तू ही चाहत तू ही बन्दिगी है...

जब तक न देखूं तुझे सूरज न निकले...
जुल्फों के साए साये महताब उभरे ...
तू ही दिल का होश साथी तू ही बेखुदी है...

मेरे लबो पे तेरे नगमे मिलेंगे...
आँहों में मेरी तेरे जलवे मिलेंगे...
मेरे दिल में तू ही तू है तेरी रौशनी है...

छोड़
के दुनिया तुझको अपना बना लूँ...
सब से छुपा के तुझको दल में बसा लूँ...
तू ही मरी पहली ख्वाइश तू ही आखरी है...

तू मेरी जिंदगी है तू मेरी हर खुशी है...
तू ही प्यार तू ही चाहत तू ही बन्दिगी है..

क़तील शिफई...

3 comments:

Puneet Sahalot said...

padhkar bahut achha laga... :))

Unknown said...

शानदार

Sunil Kumar Pandey said...

आपको मेरा ढेर सारा प्यार।