जिंदगी में तो सभी प्यार किया करते हैं ...
में तो मर के मेरी जान तुझे चाहूंगा...
तू मिला है तो ये एहसास हुआ ही मुझको...
ये मेरी उम्र मोहब्बत के लिए थोडी है...
एक जरा सा गम-ऐ-दौरा है जिसपे हक है ...
मैंने वोह साँस भी तेरी लिए रख छोडी है...
तुझपे हो जाऊँगा कुर्बान तुझे चाहूंगा...
में तो मर के भी मेरी जान तुझे चाहूंगा...
अपने जज्बात में नगमात रचाने के लिए...
मैंने धड़कन की तरह दिल में बसाया है तुझे...
में तस्सवुर भी जुदाई का कैसे करू..
मैंने किस्मत की लकीरों से चुराया है तुझे...
प्यार का निगहबान बनके तुझे चाहूंगा...
में तो मर के भी मेरी जान तुझे चाहूँगा ...
साहिर लुधियानवी...
एहसासों के कारवां कुछ अल्फाजो पे सिमेटने चला हूँ। हर दर्द, हर खुशी, हर खाब को कुछ हर्फ़ में बदलने चला हूँ। न जाने कौन सी हसरत है इस मुन्तजिर भावार्थ को।अनकहे अनगिनत अरमानो को अपनी कलम से लिखने चला हूँ.....
Wednesday, December 17, 2008
जिंदगी में तो सभी प्यार किया करते हैं !!!
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