Wednesday, October 28, 2020

Laali mere laal ki jit dekhoon tit laal

 

Laali dekhan main gayi
Main ho gayi aap hi laal
Kesariya baalama aawo ji
Padhaaro maare des
Rain nah jaage
Jaage nah rain nah jaage
Rain nah jaage
Jaage nah rain nah jaage
Lagi bina rain nah jaage koyi
Lagi bina rain nah jaage koyi 
Oho jaage jis noon aap jagaawe
Hor nah jaage koyi
Lagi bina rain nah jaage koyi
Pahla pahr har koyi jaage
Pahla pahr har koyi jaage
Par dooja nah jaage koyi
Lagi bina rain nah jaage koyi
Mela ee pal di pal ve
Chall mele noon challiye
Aakhir jaana mar ve
Chall mele noon challiye
Mela ee pal di pal ve
Chall mele noon challiye
Aakhir jaana mar ve
Chall mele noon challiye
Pahla mela allaah keeta
Malakaan wekh ke sajda keeta
Ik wekh ke gaya ee saṛ ve
Aakhir jaana mar ve
Chall mele noon challiye
Rain nah jaage

Monday, July 20, 2020

आ, चल के तुझे मैं ले के चलूँ

आ, चल के तुझे मैं ले के चलूँ
एक ऐसे गगन के तले
जहाँ ग़म भी न हो, आँसू भी न हो
बस प्यार ही प्यार पले
आ, चल के तुझे मैं ले के चलूँ
एक ऐसे गगन के तले
जहाँ ग़म भी न हो, आँसू भी न हो
बस प्यार ही प्यार पले
एक ऐसे गगन के तले...
सूरज की पहली किरण से आशा का सँवेरा जागे
सूरज की पहली किरण से आशा का सँवेरा जागे
चंदा की किरण से धुल कर घनघोर अँधेरा भागे
चंदा की किरण से धुल कर घनघोर अँधेरा भागे
कभी धूप खिले, कभी छाँव मिले
लंबी सी डगर न खले
जहाँ ग़म भी न हो, आँसू भी न हो
बस प्यार ही प्यार पले
एक ऐसे गगन के तले...
जहाँ दूर नज़र दौड़ाएँ, आज़ाद गगन लहराएँ
जहाँ दूर नज़र दौड़ाएँ, आज़ाद गगन लहराएँ
जहाँ रंग-बिरंगे पंछी आशा का संदेसा लाएँ
जहाँ रंग-बिरंगे पंछी आशा का संदेसा लाएँ
सपनों में पली, हँसती हो कली
जहाँ शाम सुहानी ढले
जहाँ ग़म भी न हो, आँसू भी न हो
बस प्यार ही प्यार पले
एक ऐसे गगन के तले...
सपनों के ऐसे जहाँ में जहाँ प्यार ही प्यार खिला हो
हम जा के वहाँ खो जाएँ, शिकवा न कोई गिला हो
कहीं बैर न हो, कोई गैर न हो
सब मिलके यूँ चलते चलें
जहाँ ग़म भी न हो, आँसू भी न हो
बस प्यार ही प्यार पले
आ, चल के तुझे मैं ले के चलूँ
एक ऐसे गगन के तले
जहाँ ग़म भी न हो, आँसू भी न हो
बस प्यार ही प्यार पले
एक ऐसे गगन के तले...
एक ऐसे गगन के तले...

आगे भी जाने ना तू, पीछे भी जाने ना तू

आगे भी जाने ना तू, पीछे भी जाने ना तू
जो भी है बस यही एक पल है
अनजाने सायों का राहों में डेरा है
अनदेखी बाहों ने हम सब को घेरा है
ये पल उजाला है, बाकी अंधेरा है
ये पल गवाँना ना, ये पल ही तेरा है
जीने वाले सोच ले, यही वक्त है कर ले पूरी आरजू
इस पल के जलवों ने, महफ़िल सवारी है
इस पल की गर्मी ने धड़कन उभारी है
इस पल से होने से, दुनियाँ हमारी है
ये पल जो देखो तो, सदियों पे भारी है
जीने वाले सोच ले, यही वक्त है कर ले पूरी आरजू
इस पल के साये में अपना ठिकाना है
इस पल के आगे फिर हर शय़ फसाना है
कल किस ने देखा है, कल किस ने जाना है
इस पल से पायेगा, जो तुझ को पाना है
जीने वाले सोच ले, यही वक्त है कर ले पूरी आरजू

साहिर लुधियानवी 

Saturday, February 29, 2020

ताहिर फ़राज़

कोई आंसू जो कागज़ भिगो जाएगा
मीर  जैसा कोई शेर हो जाएगा

एक मिसरा हूँ एक मिसरा हो तुम
दोनों मिल जाएँ तो  शेर हो जाएगा

घर पहुँच कर खुशी तो मिलेगी मगर
घर पहुँच कर सफर ख़तम हो जाएगा

वो तबस्सुम जो रुखसत करेगा तुझे
मेरी पलकों में मोती पिरो जाएगा

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जो मिला उससे गुज़ारा ना हुआ
जो हमारा  था वो हमारा न हुआ

हम किसी और से मंसूब हुए
क्या ये नुक्सान तुम्हारा ना हुआ

बे-तकल्लुफ भी वो हो सकते थे
हमसे ही कोई इशारा ना हुआ


दोनों एक दुसरे पे मरते रहे
कोई अल्लाह को प्यारा ना हुआ

रुख पैर हवा के चल के डेझ लिया
दो कदम लड़खड़ा के देख लिया
दश्त जैसा ही दी का हाल रहा
घर को जन्नत बना के देख लिया

कुछ न निकला सिवा आइना
हमने पर्दा उठा के देख लिया

मैं न कहता था बाज़ आ जाओ
गैर से दिल लगा के देख लिए

आईने में जो बाल आया है
तुमने क्या मुस्कुरा के देख लिया
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इसकी फिरत ठहरना नहीं है ये सफर इन्ताही करेगी
लाख हम इसके नखरे उठाएं ये जिंदगी बेवफाई करेगी

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मौत सच है ये बात अपनी जगह जिंदगी का श्रृंगार करते रहो
नफ़ा नुक्सान होता रहता है प्यार का कारोबार करते रहो

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नज़र ना आऊं तो ढूंढें उचक उचक के मुझे
हो सामने तो वो देखे झिझक झिझक के मुझे

मैं भागती  हुई दुनिया की ज़द में आ जाऊं
तेरे ख्याल ना कच्चे अगर लपक के मुझे

किसी भी वक़्त चमक सकता हूँ में एक पल को
कहीं गवा नहीं देना पालक झपक के मुझे

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ये हिचकिया मुझे आ रही हैं मुझे रुक रुक के
करे है कोई दिल याद मुझे धड़क धड़क के मुझे

ख़ुशी  ख़ुशी उसे दिल से निकाल से निकाल दूँ मुझे
वो मांगता है दुआओं में सिसक सिसक के मुझे

मुशाये की ये शोहरत खूब होती है
पसंद करने लगे लोग अब सड़क के मुझे

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ताहिर फ़राज़

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Sunday, February 23, 2020

माई ( Mother)



अम्बर की ये ऊँचाई धरती के ये गहराई
तेर मन में है समायी माई ओ माई
तेरा मन अमृत का प्याला यही काबा यही शिवाला
तेरी ममता पावन दायी ओ माई ओ माई

जी चाहे क्यों तेरे साथ रहूँ मैं बनके तेरा हमजोली
तेरे हाथ ना आऊं छुप जाऊं यूँ खेलूं आँख मिचोली 
परियों के कहानी सुनके कोई लोरी मुझे सुनाके 
करदे सपने सुखदायी माई ओ माई

संसार के ताने बाने से घबराता है मन मेरा
इन झूठे रिश्तों नातों में बस प्यार है सच्चा तेरा
सब दुःख सुख में ढल जाएँ जो बाहें तेरी मिल जाएँ
मिल जाए मुझे खुदाई माई ओ माई

जाड़े की ठंडी रातों में जब देर से मैं  घर आऊं 
हलकी सी दस्तक पर अपनी तुझे जगता हुआ मैं पाऊँ
सर्दी सी ठिठुरती जाए, ठंडा बिस्तर अपनाये 
मुझे देकर गर्म रजाई ... ओ माई माई

फिर कोई शरारत हो मुझसे नाराज़ करू फिर तुझको
फिर गाल पे थप्पी मार के तू सीने से लगा ले मुझको
बचपन की प्यास बुझा दे अपने हाथो से खिला दे
पल्लू में बंधी मिठाई माई ओ माई

तेरा मन अमृत का प्याला यही काबा यही शिवाला
तेरी ममता पावनदायी ओ माई ओ माई

ताहिर फ़राज़
https://www.youtube.com/watch?v=5zY3YGc26ME




Sunday, January 12, 2020

तरह तरह के वजूद

तरह तरह के वजूद
लेकर एक ही रूह

धुँधली सी हर  राह
क्या खायिश क्या चाह

धागे से बुने उधड़ते 
दिल के रिश्ते हज़ार 

सुकून को है बैचैन
थक गए जगते नैन

बोझिल तपते दिन
शाम को ताके रैन

भावार्थ
१२/१/२०२०