Monday, March 24, 2008

ख्वाजा जी ....जोधा अकबर

ख्वाजा जी, ख्वाजा
ख्वजजीई, ख्वाजा, ख्वाजा जी
या ग़रीब नवाज़
या ग़रीब नवाज़
या ग़रीब नवाज़
या मोईनुद्दीन, या ख्वाजा जी
या ख्वाजा जी
या ख्वाजा जी
(ख्वाजा मेरे ख्वाजा
दिल में समां जा
शाहों का शाह तू
अली का दुलारा) - २
ख्वाजा मेरे ख्वाजा दिल में समां जा
ख्वाजा मेरे ख्वाजा दिल में समां जा
बेक़सो की तकदीर, तुने है सवारी
बेक़सो की तकदीर, तुने है सवारी
ख्वाजा मेरे ख्वाजा
तेरे दरबार में ख्वाजा
दूर तोह है देखा
तेरे दरबार में ख्वाजा
सर झुका ते है औलिया
तू है उनल्वाली ख्वाजा
रुतबा है प्यारा
चाहने से तुझको ख्वाजा जी मुस्तफा को पाया
ख्वाजा मेरे ख्वाजा
दिल में समां जा
शाहों का शाह तू
अली का दुलारा
मेरे पीर का सदका
मेरे पीर का सदका
है मेरे पीर का सदका
तेरा दामन है थमा
खावाजाजी
तली हर बाला हमारी
चाय है खुमार तेरा
जितना भी रश्क करे बेशक
तोह कम है ऐ मेरे ख्वाजा
तेरे कदमो को मेरे रहनुमा नही छोड़ना गवारा
(ख्वाजा मेरे ख्वाजा
दिल में समां जा
शाहों का शाह तू
अली का दुलारा) - २
ख्वाजा मेरे ख्वाजा दिल में समां जा
ख्वाजा मेरे ख्वाजा दिल में समां जा
बेक़सो की तकदीर, तुने है सवारी
बेक़सो की तकदीर, तुने है सवारी
(ख्वाजा मेरे ख्वाजा
दिल में समां जा
शाहों का शाह तू
अली का दुलारा) - २
ख्वाजा जी
ख्वाजा जी
ख्वाजा जी ....

3 comments:

poloolop said...
This comment has been removed by the author.
poloolop said...

Wah Wah!

It took quite sometime to find the new URL from poertyatbhavaarth to poetrybybhavaarth

:-)
Google Cache page helped Link

poloolop said...

Also, there's no feed for this blog!!

Kindly enable full-feed for the blog from blogger dash board.

Blogger --> settings --> site feed --> Blog posts feed, Choose full :-)