Sunday, March 16, 2008

समझ लो इश्क की दस्तक है !!!

पुरी दुनिया एक शख्स में सिमटने लगे।
रास्ते सारे उसकी तरफ़ जब बढ़ने लगे।
चाह के भी नज़र उसको न हटा पाये।

समझ लो इश्क की दस्तक है।

जब बेवकूफियां करने का मन करने लगे।
छोटी छोटी बातों का ख्याल दिल रखने लगे।
उसको हँसाने का हर काम तुम करने लगो।

समझ लो इश्क की दस्तक है।

जब रूठने मनाने के दौर चलने लगे।
बातों में घंटो युही गुज़र जाने लगे।
रहे न अपने आप की फिक्र अगर।

समझ लो इश्क की दस्तक है।

आंखो में नींद मगर सो पाओ नहीं।
भूलना चाहो मगर भूल पाओ नहीं।
रात दिन का असर खत्म होने लगे।

समझ लो इश्क की दस्तक है।

भावार्थ...

3 comments:

Anonymous said...

bahut sundar hai ye kavita.

Ajay Kumar Singh said...
This comment has been removed by the author.
Ajay Kumar Singh said...

Thanks Mahek ji....