मेरे दर्द की जो दवा करे
कोई ऐसा शख्स हुआ करे।
जो बेपनाह उदास हो।
पर हिज्र का न गिला करे।
मेरी चाहते मेरी कुर्बते। -2
जिसे याद आयें कदम कदम।
वो सबसे छुपके लिबास सब।
में लिपट के आह बुक करे।
बढे उसका गम तो करार ।
खो दे वो मेरे गम के ख्याल से।
उठे हाथ अपने लिए तो फ़िर भी।
मेर लिए ही दुआ करे।
ये किस्स अजीब-ओगरीब है।
ये मोहब्बतों के नसीब है।
मुझसे कैसे ख़ुद से जुदा करे।
उसे कुछ बताओ की क्या करे।
कभी तय करे युही सोच सोच।
न वो फिराक के फासले।
मेरे पीछे आके दबे दबे।
मेरी आँख मूँद हँसा करे।
खलीफा तुल मसीह रबेह ...
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