जो मंसबो के पुजारी पेहेन के आते हैं।
कुलाह तोख से भारी पेहेन के आती है।
अमीर सेहर तेरी तरह कीमती पोषक।
मेरी गली में भिखारी पेहेन के आते हैं।
यही यकिक है शाही के ताज की जीनत।
जो उँगलियों में मदारी पेहेन के आते हैं।
इबादतों की हिफाज़त बझी उनके जिम्मे हैं।
जो मस्जिदों में सफारी पेहेन के आते हैं।
राहत इन्दौरी..
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