आसमां क्यों है नीला।
पानी क्यों है गीला गीला।
गोल क्यों है जमीन।
सिल्क मैं हैं नरमी क्यों।
आग मैं है गर्मी क्यों।
दो और दो पॉँच क्यों नहीं।
दिल हो गए ग़मगीन क्यों।
तीन है ये मौसम क्यों।
चाँद दो क्यों नहीं।
दुनिया मैं है जंग क्यों।
है लाल ये रंग क्यों।
सरहदे हैं क्यों हर कहीं।
सोचा है क्या तुमने कभी।
सोचा है क्या है ये सभी।
सोचा है...
सोचा नहीं तो सोचो अभी।
बहती क्यों है हर नदी।
होती क्यों है रौशनी।
बर्फ घिरती है क्यों।
बर्क़ क्यों है उठते।
तारे क्यों है टूटते।
बादलो मैं है बिजली है क्यों ?
सोचा है क्या तुमने कभी।
सोचा है क्या है ये सभी।
सोचाj है...
सोचा नहीं तो सोचो अभी।
सन्नाटा सुनाई नहीं देता।
और हवाएं दिखाई नहीं देती।
सोचा है होता है ये क्यों?
आसमां क्यों है नीला।
पानी क्यों है गीला गीला।
गोल क्यों है जमीन।
सिग मैं हैं नरमी क्यों।
आग मैं है नरमी क्यों।
दो और दो पॉँच क्यों नहीं।
सोचा है क्या तुमने कभी।
सोचा है क्या है ये सभी।
सोचा है...
सोचा नहीं तो सोचो अभी।
जावेद अख्तर ( रॉक ऑन !!-2008)
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