आँखों में जिसकी कोई तो ख्वाब है।
खुश है वही जो थोड़ा बताब है।
जिंदगी में कोई आरजू कीजिये।
फिर देखिये...
होठों पे जिसके कोई तो गीत है।
वो हारे भी तो उसकी ही जीत है।
दिल में जो गीत हैं गुनगुना लीजिये।
फ़िर देखिये...
यादों में जिसकी किसी का नाम है ।
सपनो की जैसे उसकी हर शाम है।
कोई तो हो जिसे अपना दिल दीजिये।
फ़िर देखिये...
ख्वाब बनिये जरा।
गीत सुनिए जरा।
फूल चुनिए जरा।
फ़िर देखिये...
जावेद अख्तर...
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