तू जिस रोज उसे समझ जाएगा।
सर ये तेरा सजदे से झुक जाएगा।
एक माँ बनकर जो तेरा साया लगे।
लोरी सुनाये और सारी रात जगे।
तेरे साथ खेले तेरे साथ रोने लगे।
ममता का सागर तू उसमें पायेगा।
तू जिस रोज उसे समझ जाएगा।
सर ये तेरा सजदे से झुक जाएगा।
बहन बन वो तुझसे दोस्ती करे।
तुझसे लडे और तुझे प्यार करे।
रिश्ते के बंधन में तुझे बाँधा करे।
इतना गहरा रिश्ता और कहाँ पायेगा।
तू जिस रोज उसे समझ जाएगा।
सर ये तेरा सजदे से झुक जाएगा।
जिंदगी मैं जब वो तेरी हसफ़र बने।
बनके अर्धांगिनी तेरी वो दुनिया बुने।
तेरे ख्वाबो के रास्ते से सारे कांटे चुने।
अपने आप मैं तू उसका असर पायेगा।
तू जिस रोज उसे समझ जाएगा।
सर ये तेरा सजदे से झुक जाएगा।
भावार्थ
No comments:
Post a Comment