जिंदगी जिद्दी है...
मेरी कोई चाहत इसे पसंद नहीं शायद ...
अपनी धुन में है मेरी सुध नहीं शायद...
जिंदगी जिद्दी है...
में उसके लिए खाब के खिलोने सजाती हूँ...
और ये मुझे हकीकत के आईने दिखाती है...
जिंदगी जिद्दी है...
रिश्ते बोझ की तरह निभाने को कहती है ...
बे-मंजिल राहो पे युही चलने को कहती है ...
जिंदगी जिद्दी है...
में होश में हूँ तो भी ये नशे में डूबी हुई है...
में खुश हूँ तो भी ये गम में डूबी हुई है...
जिंदगी जिद्दी है...
भावार्थ...
1 comment:
SHAYAD...
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