Monday, January 5, 2009

बिखर गए मेरे सपने !!!

बिखर गए सारे सपने मेरे एक एक कर...
मेरी जिंदगी को ये किसकी लगी नज़र...बिखर गए मेरे सपने !!!
बिखर गए मेरे सपने !!!

बेपनाह खाबो का कारवां कहीं थम गया ...
तुझसे बिछुड़ कर हर मंजर कहीं रुक गया...
रूठ गई तू तो ये मेरी दुआ हुई बेअसर ...
मेरी जिंदगी को ये किसकी लगी नज़र...
बिखर गए सारे सपने मेरे एक एक कर...
बिखर गए मेरे सपने !!!
बिखर गए मेरे सपने !!!

रास्ते बदल गए मंजिले हुई अजनबी...बेगाने से बन गए जो थे अपने कभी...
मेरी इबादत में बता खुदा क्या रही कसर...
मेरी जिंदगी को ये किसकी लगी नज़र...
बिखर गए सारे सपने मेरे एक एक कर...
बिखर गए मेरे सपने !!!
बिखर गए मेरे सपने !!!

छीन कर तुने हर खुशी दी है ये तनहाई...
अश्क के समंदर दिए और दी ये रुसवाई...
छूटे यहाँ के लोग और छूटा मुझसे शहर...
मेरी ज़िन्दगी को ये किसकी लगी नज़र...
बिखर गए सारे सपने मेरे एक एक कर ...
बिखर गए मेरे सपने !!!
बिखर गए मेरे सपने !!!

भावार्थ...

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