एक दिन बिक जायेगा माटी के मोल,
जग में रह जायेंगे प्यारे तेरे बोल,
दूजे के होंठो को देकर अपने गीत,
कोई निशानी छोड़ ,फिर दुनिया से डोल॥
एक दिन.....
ला ला ल ल लला
अनहोनी पथ में कांटे लाख बिछाए,
होनी तो फिर भी बिछडा यार मिलाये,
ये बिरहा ,ये दूरी,
दो पल की मजबूरी,
फिर कोई दिलवाला काहे को घबराए,
तरम पम,
धारा जो बहती है मिलके रहती है,
बहती धारा बन जा फिर दुनिया से डोल,
एक दिन.....
ला ला ल ल लला
परदे के पीछे बैठी सांवल गोरी,
थाम के तेरे मेरे मन की डोरी,
ये डोरी न छुटे,
ये बंधन न टूटे,
भोर होने वाली है अब रैना है थोडी,
तरम पम,
सर को झुकाए तू बैठा क्या है यार,
गोरी से नैना जोड़ फिर दुनिया से डोल,
एक दिन.....,
ला ला ल ल लला.
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