Tuesday, November 4, 2008

बदल कर भी ये दुनिया नहीं बदली !!!

बदल कर भी ये दुनिया नहीं बदली...
चका चौंध में भी हर नज़र रही धुंधली...

वही
वहशी निगाहें और वही बिकते जिस्म...
दमकते बाज़ार की पर सीरत नहीं बदली...

तराजू तोलते थे कल,तराजू तोलते हैं आज...
बाज़ार बदला मगर कीमत नहीं बदली...

किनारों पे टकराता है गम से भरा समंदर...
तरंग बदली मगर उसकी लहर नहीं बदली...


भावार्थ...

1 comment:

Anonymous said...

it is all a matter of.. the way you take things!
either the glass is half full or half empty..start looking at the brighter side of life...
may you start seeing things brightly!! :)
keep smiling!!