में हर एक पल का शायर हूँ
हर एक पल मेरी कहानी है
हर एक पल मेरी हस्ती है
हर एक पल मेरी जवानी है
रिश्तों का रूप बदलता है, बुनियादें ख़तम नहीं होती
ख्वाबों की और उमंगो की, मियादें ख़तम नहीं होती
एक फूल में तेरा रूप बसा एक फूल में मेरी जवानी है
एक चेहरा तेरी निशानी है, एक चेहरा मेरी निशानी है
में हर एक पल का शायर हूँ...
तुझको मुझको जीवन अमृत, अब इन हाथों से पीना है
इनकी धड़कन में बसना है, इनकी साँसों में जीना है
तू अपनी अदाएं बख्श इन्हें में अपनी वफाएं देता हूँ
जो अपने लिए सोची थी कभी, वोह सारी दुआएं देता हूँ
में हर एक पल का शायर हूँ...
साहिर लुधियानवी...
No comments:
Post a Comment