आदमी आदमी से मिलता है...
दिल मगर कम किसी से मिलता है..
आज क्या बात है की फूलों का
रंग तेरी हंसी से मिलता है...
भूल जाता हूँ में सितम उसके...
वो कुछ इस सादगी से मिलता है...
मिल के भी जो नहीं मिलता...
टूट कर दिल उसी से मिलता है...
आदमी आदमी से मिलता है...
दिल मगर कम किसी से मिलता है..
जिगर मुरादाबादी !!!
दिल मगर कम किसी से मिलता है..
आज क्या बात है की फूलों का
रंग तेरी हंसी से मिलता है...
भूल जाता हूँ में सितम उसके...
वो कुछ इस सादगी से मिलता है...
मिल के भी जो नहीं मिलता...
टूट कर दिल उसी से मिलता है...
आदमी आदमी से मिलता है...
दिल मगर कम किसी से मिलता है..
जिगर मुरादाबादी !!!
2 comments:
wonderful!!
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