जिंदगी से यही गिला है मुझे...
कि तू बड़ी देर से मिला है मुझे...
हमसफ़र चाहिए हुजूम नहीं...
एक मुसाफिर ही काफिला है मुझे...
तू मोहब्बत से कोई चाल तो चल...
हार जाने का हौसला है मुझे...
अहमद फ़राज़ !!!
कि तू बड़ी देर से मिला है मुझे...
हमसफ़र चाहिए हुजूम नहीं...
एक मुसाफिर ही काफिला है मुझे...
तू मोहब्बत से कोई चाल तो चल...
हार जाने का हौसला है मुझे...
अहमद फ़राज़ !!!
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