क्या लिखा जाए.
अहद-ऐ-नौ में क्या लिखा जाए,
अहवाल-ऐ-बशर ना लिखा जाए,
बेरूह कशाकाश में कैद जीस्त,
शिराज़ा-ऐ-बरहम कहाँ लिखा जाए,
कायनात वां खुदा तेरी तरफ ,
बस मेरी सम्त माँ लिखा जाए,
निकला मखलूक रूह का जनाज़ा,
आज तो फैंसला लिखा जाए,
तालुक नही कोई शादियानो से,
मुझको अहल-ऐ-वफ़ा लिखा जाए।
मानी:
अहद-ऐ-नौ =naya daur /waqt।
अहवाल-ऐ-बशर =aadmi ka haal।
कशाकाश =kheencha taani।जीस्त=life.
शिराज़ा-ऐ-बरहम bikhre huay pages।
सम्त =taraf,aur।
मखलूक =allah ki banayi hui।
तालुक =relation।
शादियानो =khushiyaan।
अहल-ऐ-वफ़ा vafa karne vaala.
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