तुम बस मुझे मोहब्बत के तिनके देती रहो...
दुनिया अपनी जन्नत से कहीं बढ़कर होगी...
अपने रिश्ते को लैला-मजनू की बुलंदी न मिले...
पर अपने रिश्ते की ईमारत उनसे बढ़कर होगी...
दिल से उठे वादे जो मेरे लबो ने बुने हैं ....
हर एक लफ्ज़ की तामीर उम्मीद से बढ़कर होगी....
कायनात जो लोगो को एक वहम सी लगती है...
लोगो की तस्सली हमारी कहानी पढ़ कर होगी...
तुम बस मुझे मोहब्बत के तिनके देती रहो...
दुनिया अपनी जन्नत से कहीं बढ़ कर होगी...
भावार्थ ...
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