जिंदगी को मेरी काश साहिल मिल जाए।
दिन की थकन जिसके सिरहाने ढह जाए।
ऐसा आगोश जिसमें टूट कर बिखर पाऊँ।
जहाँ मेरे ख़ुद के होने का एहसास मिट जाए।
गम के सेहरा में उसकी बातें बारिश सी हो।
एक नर्म छुवन से उसकी दर्द काफूर हो जाए।
अजनबी वोही मुझे रिश्ता बनके मिल जाए।
जिंदगी को मेरी काश साहिल मिल जाए।
भावार्थ..
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