एक ऐसी लोरी लिखूं...
जो तुमको खाब दिखाए...
दूर देश से जा कर...
जो परियों की दुनिया लाये...
एक ऐसी लोरी लिखूं...
जिसे सुनकर तुम सो जाओ...
आँखों में आंसू न रहे कभी...
तुम उसके बोलों में खो जाओ...
एक ऐसी लोरी लिखूं...
जो तुमसी मीठी सुरीली हो...
जो धीमी धीमी सी आहट हो..
जो खिलोनो सी ही सजीली हो...
एक ऐसी लोरी लिखूं...
जो तुमको खाब दिखाए...
दूर देश से जा कर...
जो परियों की दुनिया लाये...
भावार्थ
जो तुमको खाब दिखाए...
दूर देश से जा कर...
जो परियों की दुनिया लाये...
एक ऐसी लोरी लिखूं...
जिसे सुनकर तुम सो जाओ...
आँखों में आंसू न रहे कभी...
तुम उसके बोलों में खो जाओ...
एक ऐसी लोरी लिखूं...
जो तुमसी मीठी सुरीली हो...
जो धीमी धीमी सी आहट हो..
जो खिलोनो सी ही सजीली हो...
एक ऐसी लोरी लिखूं...
जो तुमको खाब दिखाए...
दूर देश से जा कर...
जो परियों की दुनिया लाये...
भावार्थ
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