मुद्दत में वो फिर ताज़ा मुलाकात का आलम...
खामोश अदाओं में वो जज्बात का आलम...
अल्लाह रे वो शिद्दत-ए- जज्बात का आलम..
कुछ कहते हुए उनकी हर बात का आलम...
वो नज़रों ही नज़रों में सलावत की दुनिया...
वो आँखों ही आँखों में जवावात का आलम...
मुद्दत में वो फिर ताज़ा मुलाकात का आलम...
खामोश अदाओं में वो जज्बात का आलम...
जिगर मुरादाबादी !!!
खामोश अदाओं में वो जज्बात का आलम...
अल्लाह रे वो शिद्दत-ए- जज्बात का आलम..
कुछ कहते हुए उनकी हर बात का आलम...
वो नज़रों ही नज़रों में सलावत की दुनिया...
वो आँखों ही आँखों में जवावात का आलम...
मुद्दत में वो फिर ताज़ा मुलाकात का आलम...
खामोश अदाओं में वो जज्बात का आलम...
जिगर मुरादाबादी !!!
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