आंख से दूर न हो दिल से उतर जायेगा..
वक़्त का क्या है गुज़रता है गुज़र जाएगा...
डूबते डूबते क्षित को उछाल अड़े दूं..
में न अहिं तो कोई तो साहिल पे उतर जाएगा...
जिंदगी तेरी अत है तो हए जाने वाला..
तेरी बक्शीश तेरी दहलीज़ पे धर जायेगा...
जब्त लाजिम है मगर दुःख है क़यामत का फ़राज़...
जालिम अब के भी न रोयेगा तो मर जायेगा...
अहमद फ़राज़ !!!
वक़्त का क्या है गुज़रता है गुज़र जाएगा...
डूबते डूबते क्षित को उछाल अड़े दूं..
में न अहिं तो कोई तो साहिल पे उतर जाएगा...
जिंदगी तेरी अत है तो हए जाने वाला..
तेरी बक्शीश तेरी दहलीज़ पे धर जायेगा...
जब्त लाजिम है मगर दुःख है क़यामत का फ़राज़...
जालिम अब के भी न रोयेगा तो मर जायेगा...
अहमद फ़राज़ !!!
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