जाने वाले तू अपनी याद भी लेकर जा।
तेरे प्यार का बाकी हर एक निशाँ लेकर जा।
छोड़ दे मुझे तन्हाई के कोहरे में अब तो।
जिंदगी में छायी मेरी हर बहार लेकर जा।
तुझे बेवफा का नाम कोई नहीं देगा यहाँ।
तू अपनी वफाओ का हर पयाम ले कर जा।
किस्मत की कहानी मान कर जी लूंगा मैं तो।
मेरी जिंदगी से बस अपना उनमान लेकर जा ।
कैसे दिलाऊँ यकीं तुझे कि मैं मर चुका हूँ अबतो।
दिल में धसा हुआ अपना निश्तार ले कर जा।
निश्तार :खंजर, उनमान : शीर्षक
भावार्थ...
2 comments:
कैसे दिलाऊँ यकीं तुझे कि मैं मर चुका हूँ अबतो।
दिल में धसा हुआ अपना निश्तार ले कर जा।ud dear sense is amazing but form is missing....
thnx for your suggestion !!!
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