हर चीज़ जिंदगी की इतनी आसान कर ली।
मैंने जिंदगी का नक्शा देखा तो घबरा गया।
में खुले आसमान का इतनी आदी हो गया।
कब्र का ख्याल जो आया तो में घबरा गया।
में अजनबियों से मिलता रहा गले सफर में।
अपनों की वफ़ा याद आई तो में घबरा गया।
रिश्तो के समुंदर में उतर तो गया कुछ सोच कर।
कसक का भवर जो याद आया तो में घबरा गया।
में जवानी के जोश में हमसफर छोड़ आया रास्ते पे।
तनहा बुढापा खड़ा नज़र आया तो में घबरा गया।
भावार्थ...
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