आगाज़ भर होने का जश्न मनाना क्या
जश्न गर अंजाम का हो तो कोई बात है
है गर सुकून तो सब खिलखिलाते हैं
दर्द में जो लब खिले तेरे तो कोई बात है
जिंदगी में तो सबकी मोहब्बत होती है
मौत के बाद भी इश्क़ रहे तो कोई बात है
यूँ तो जूनून रगो में सब लिए फिरते हैं
जो बहे लहू आँख से तेरे तो कोई बात है
हर बार मुझसे मिलने की कोई वजह थी
बेवजह युही मिल जाओ तो कोई बात है
वफ़ा को वफ़ा मिलना भी कोई इश्क़ है
बेवफा से हो जो मोहब्बत तो कोई बात है
बदनाम हो कर नाम मिला तो क्या मिला
गुमनाम हो कर भी नाम हो तो कोई बात है
आगाज़ भर होने का जश्न मनाना कैसा
जश्न गर अंजाम का हो तो कोई बात है
जश्न गर अंजाम का हो तो कोई बात है
है गर सुकून तो सब खिलखिलाते हैं
दर्द में जो लब खिले तेरे तो कोई बात है
जिंदगी में तो सबकी मोहब्बत होती है
मौत के बाद भी इश्क़ रहे तो कोई बात है
यूँ तो जूनून रगो में सब लिए फिरते हैं
जो बहे लहू आँख से तेरे तो कोई बात है
हर बार मुझसे मिलने की कोई वजह थी
बेवजह युही मिल जाओ तो कोई बात है
वफ़ा को वफ़ा मिलना भी कोई इश्क़ है
बेवफा से हो जो मोहब्बत तो कोई बात है
बदनाम हो कर नाम मिला तो क्या मिला
गुमनाम हो कर भी नाम हो तो कोई बात है
आगाज़ भर होने का जश्न मनाना कैसा
जश्न गर अंजाम का हो तो कोई बात है
भावार्थ
३१/०८/२०१५
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