Sunday, September 21, 2008

ये अधूरापन भी एक अँधेरा है !!!

ये अधूरापन भी एक अँधेरा है।
जहाँ दूर तक न कोई सवेरा है।

बिखरी
पड़ी है रात दूर तलक।
जर्रे जर्रे में तन्हाई का कोहरा है।

बिलख पड़ते हैं ये बादल अब।
घटाओ का काजल शायद गहरा है।

खामोशी हवा में गुल सी गई है।
दूर तक तेरी यादो का सेहरा है।

भावार्थ...

6 comments:

परमजीत सिहँ बाली said...

सुन्दर गीत है।

Anwar Qureshi said...

DIL KO CHUTI HAI AAP KI AWAAZ ..BAHUT KHUB

Bhavarth-The message beneath the music said...

Thanks a lot Paramjeet n Anwar !!!

Vinay said...

every sh'er is beautiful...

Ajay Kumar Singh said...

thanks a lot...vinay ji...

Faiz फैज़... said...

BEAUTIFUL MIND CREATE BEAUTIFUL THOUGHTS....CARRY ON...WITH LUV N AFFECTION....FAIZ