लाल रक्त चहुँ ओर
भय लिप्त ह्रदय घनघोर
संग से कदम
क्रोध है विषम
निर्जर आत्मा
ढूढे दैत्य हर ओर
लाल रक्त चहुँ ओर
गंध में पुटाश
दृश्य में है लाश
नृदयी देवता
पाप में सरावोर
लाल रक्त चहुँ ओर
नीर में विष भरा
नृत्य करती धरा
शिव की कामना
प्रकृति करे पुरजोर
लाल रक्त चहुँ ओर
लाल रक्त चहुँ ओर
भय लिप्त ह्रदय घनघोर
भावार्थ
२२/०३/२०१५
भय लिप्त ह्रदय घनघोर
संग से कदम
क्रोध है विषम
निर्जर आत्मा
ढूढे दैत्य हर ओर
लाल रक्त चहुँ ओर
गंध में पुटाश
दृश्य में है लाश
नृदयी देवता
पाप में सरावोर
लाल रक्त चहुँ ओर
नीर में विष भरा
नृत्य करती धरा
शिव की कामना
प्रकृति करे पुरजोर
लाल रक्त चहुँ ओर
लाल रक्त चहुँ ओर
भय लिप्त ह्रदय घनघोर
भावार्थ
२२/०३/२०१५
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