हो जाऊं जो खामोश अगर ये लफ्ज़ बयाँ हो जाएँ
हँस लूँ जरा जो तेरे संग तो ये अश्क़ बयाँ हो जाएं
चलता रहूँ तो छाले मेरे चुभते नहीं मुझको
थम जो जाऊं अगर तो मेरे दर्द बयाँ हो जाएं
जब तक हैं अजनबी हम तो मोहब्बत जिन्दा है
नज़रो से मिल गयीं जो नज़र तो इश्क़ बयाँ हो जाएं
तनहा हूँ तो महफूज है मेरी जिंदगानी की ये किताब
घुल मिल जाऊं जो दुनिया में इसके हर्फ़ बयाँ हो जाएँ
हो जाऊं जो खामोश अगर ये लफ्ज़ बयाँ हो जाएँ
हँस लूँ जरा जो तेरे संग तो ये अश्क़ बयाँ हो जाएं
भावार्थ
हँस लूँ जरा जो तेरे संग तो ये अश्क़ बयाँ हो जाएं
चलता रहूँ तो छाले मेरे चुभते नहीं मुझको
थम जो जाऊं अगर तो मेरे दर्द बयाँ हो जाएं
जब तक हैं अजनबी हम तो मोहब्बत जिन्दा है
नज़रो से मिल गयीं जो नज़र तो इश्क़ बयाँ हो जाएं
तनहा हूँ तो महफूज है मेरी जिंदगानी की ये किताब
घुल मिल जाऊं जो दुनिया में इसके हर्फ़ बयाँ हो जाएँ
हो जाऊं जो खामोश अगर ये लफ्ज़ बयाँ हो जाएँ
हँस लूँ जरा जो तेरे संग तो ये अश्क़ बयाँ हो जाएं
भावार्थ
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