तेरी आरज़ू बहुत है तेरा इंतज़ार कम है
ये वो हादसा है जिस पे मेरा इख्तियार कम है
ये हवादसे जमाना बड़ी दूर ले गए हैं
मुझे अपनी जिंदगी से ये नहीं कि प्यार कम है
ये बुझे बुझे से सागर ये उदास उदास शीशे
तेरे मयकदे में साकी कोई वादाखार कम है
मैं वसीम शेर कहने के लिए तरस रहा हूँ
कई दिन से आँख मेरी इधर अश्कबार कम है
वसीम बरेलवी
ये वो हादसा है जिस पे मेरा इख्तियार कम है
ये हवादसे जमाना बड़ी दूर ले गए हैं
मुझे अपनी जिंदगी से ये नहीं कि प्यार कम है
ये बुझे बुझे से सागर ये उदास उदास शीशे
तेरे मयकदे में साकी कोई वादाखार कम है
मैं वसीम शेर कहने के लिए तरस रहा हूँ
कई दिन से आँख मेरी इधर अश्कबार कम है
वसीम बरेलवी
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