घर अपने काशी शिव आएं
भक्त अभिलाषी शिव आएं
जर्जर घाट पे बहती मैया
इसमें चलती निर्जर नैया
मेरे धर्म का कौन खिवैया
गंगा के निवासी शिव आएं
घर अपने काशी शिव आएं
भक्त अभिलाषी शिव आएं
घर अपने काशी शिव आएं
दृष्टि युक्त अँधा संसार
आडम्बर का होता व्यपार
पाप का सर पे है अम्बार
सब संकट नाशी शिव आएं
घर अपने काशी शिव आएं
भक्त अभिलाषी शिव आएं
घर अपने काशी शिव आएं
भावार्थ
२९/०३/२०१५
भक्त अभिलाषी शिव आएं
जर्जर घाट पे बहती मैया
इसमें चलती निर्जर नैया
मेरे धर्म का कौन खिवैया
गंगा के निवासी शिव आएं
घर अपने काशी शिव आएं
भक्त अभिलाषी शिव आएं
घर अपने काशी शिव आएं
दृष्टि युक्त अँधा संसार
आडम्बर का होता व्यपार
पाप का सर पे है अम्बार
सब संकट नाशी शिव आएं
घर अपने काशी शिव आएं
भक्त अभिलाषी शिव आएं
घर अपने काशी शिव आएं
भावार्थ
२९/०३/२०१५
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