मिजाज़ इस साल का कुछ ठीक नहीं लगता...
फूंस ऐसे बरस रहा है जैसे सावन हो...
अलावों में कोयले विभीषण निकले...
कोहरे में छिपा जैसे बारिश का रावन हो...
भावार्थ...
फूंस ऐसे बरस रहा है जैसे सावन हो...
अलावों में कोयले विभीषण निकले...
कोहरे में छिपा जैसे बारिश का रावन हो...
भावार्थ...
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