Saturday, January 14, 2012

~! हाकिम नसीर ~!

आप गैरों  की बात करते हैं ...
हमने अपने भी आजमाए हैं...
लोग कांटो से बच के चलते हैं....
हमने फूलों से जख्म खाए हैं...

~! हाकिम नसीर ~!



No comments: