दरिया से इक्तिलाफ का अंजाम सोच लो।
नदिया के साथ साथ बहो तुम नशे में हो।
क्या दोस्तों ने रात भर पिलाई है तुमको।
अब दुश्मनों के साथ रहो तुम नशे में हो।
बेहद शरीफ लोगो से कुछ फासला रखो।
पी लो मगर कभी न कहो की तुम नशे में हो।
कागज़ का यह लिबास चिरागों के सेहर में।
संभल के संभल चलो जाना तुम नसे में हो।
मासूम तितलियों को मसलने का शौक है।
तुम तौबा करो खुदा से डरो तुम नशे में हो।
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इबादतों की तरह में यह काम करता हूँ।
मेरा उसूल है पहले में सलाम करता हूँ।
मुखालफत से मेरी शख्शियत सवरती है।
में दुस्मानो का बड़ा एहतराम करता हूँ।
में डर गया हूँ इन सायादार पेडो से।
जरा सी धुप बीचा कर कयाम करता हूँ।
मुझे खुदा ने गज्हल का दयार बख्सा है।
यह दौलत में मोहब्बत के नाम करता हूँ।
बशीर बद्र...
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