ग़म हैं दिन दर्द है ये रात
तू जो नहीं है मेरे साथ
आँखों में काजल लगाऊं नहीं
डर हैं कहीं ये बह ना जाए
किस कदर हूँ में अधूरी अब
बह कर कहीं ये कह न जाए
रुलाये तेरी अब हर बात
तू जो नहीं है मेरे साथ
ग़म हैं दिन दर्द है ये रात
तू जो नहीं है मेरे साथ
हर एक चीज़ है मेरे लिए
दिल ये मगर लगता नहीं
हवा है वही फ़िज़ा है वही
कुछ भी अच्छा लगता नहीं
तन्हाई में डूबे हैं जज्बात
तू जो नहीं है मेरे साथ
ग़म हैं दिन दर्द है ये रात
तू जो नहीं है मेरे साथ
हर वक़्त है बस तेरा ही ख्याल
लगता है तू मेरे पास आ जाएगा
मुझको ले अपनी बाहों में तू
मेरे दर्द को फिर मिटा जाएगा
दिल ये तलाशे तेरा ही साथ
तू जो नहीं है मेरे साथ
ग़म हैं दिन दर्द है ये रात
तू जो नहीं है मेरे साथ
भावार्थ
२०/०९/२०१५
तू जो नहीं है मेरे साथ
आँखों में काजल लगाऊं नहीं
डर हैं कहीं ये बह ना जाए
किस कदर हूँ में अधूरी अब
बह कर कहीं ये कह न जाए
रुलाये तेरी अब हर बात
तू जो नहीं है मेरे साथ
ग़म हैं दिन दर्द है ये रात
तू जो नहीं है मेरे साथ
हर एक चीज़ है मेरे लिए
दिल ये मगर लगता नहीं
हवा है वही फ़िज़ा है वही
कुछ भी अच्छा लगता नहीं
तन्हाई में डूबे हैं जज्बात
तू जो नहीं है मेरे साथ
ग़म हैं दिन दर्द है ये रात
तू जो नहीं है मेरे साथ
हर वक़्त है बस तेरा ही ख्याल
लगता है तू मेरे पास आ जाएगा
मुझको ले अपनी बाहों में तू
मेरे दर्द को फिर मिटा जाएगा
दिल ये तलाशे तेरा ही साथ
तू जो नहीं है मेरे साथ
ग़म हैं दिन दर्द है ये रात
तू जो नहीं है मेरे साथ
भावार्थ
२०/०९/२०१५
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