Monday, March 19, 2012

मगर तुम नहीं आये ...

आज फिर मैं हूँ तनहा...
है आज फिर वही गम  ...
आज फिर मुन्तजिर हूँ
आँख आज फिर रही  नम...

मगर तुम नहीं आये ...
मगर तुम नहीं आये...

किस कदर तेज चलती ये साँसे...
दर्द तोलती हैं बेबस ये  आहें...
किस कदर छाई तेरी ये यादें...
कुंस बोलती हैं  बेकस ये बाहें...

मगर तुम नहीं आये ...

मगर तुम नहीं आये...

भावार्थ...

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