Saturday, May 7, 2016

वो मेरी माँ थी

वो मेरी माँ थी

मेरी भूख की मंजिल
सब अनजाने चेहरों में अपनी
इक  कठपुतली सी थिरकती
वो मेरी माँ थी

मेरी दर्द को सहती
मुझसे मेरी जुबाँ में कहती
मेरी हर आवाज़ पे तड़पती
वो मेरी माँ  थी

मेरे टूटे बोलों को बनाती
मेरी बातों पे गौर फरमाती
मेरी नासमझी को समझती
वो मेरी माँ थी

मुझसे बिछुड़ कर देर तक रोये
मेरी याद में न नींद भर सोये
आँखों  में आंसू सी झलकती
वो मेरी माँ थी

भावार्थ

08/05/2016
Happy mother's Day !!!




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