Thursday, May 19, 2016

हर लफ्ज़ तेरा एक दरिया है

हर लफ्ज़ तेरा एक दरिया है
हर शेर तेरा एक समंदर है
एक दुनिया है तेरी ग़ज़लें
जाने क्या क्या उसके अंदर है

भावार्थ

ग़ालिब की ग़ज़लों के बारे में... 

1 comment:

Unknown said...

भावार्थ जी आपकी यह गजल बहुत ही अच्छी है। आप ऐसी ही सुन्दर रचनाओं को शब्दनगरी पर भी लिख सकते हैं जो की पूर्णतयः हिंदी में है । वहां पर भी शेर पढ़ व् लिख सकते हैं।