मेरी अक्ल से झांकता है मेरा दिल...
और लोग कहते हैं कि मैं बावरा हूँ...
मेरी मंजिल है सब मन्जिल पाएं....
गम भी आंसू भर भर के मुस्कुराएं...
याद सब की संभालता है मेरा दिल...
और लोग कहते हैं कि मैं बावरा हूँ...
औरो के दर्द हो तो नम हैं आँखें मेरी....
थामने बहके हुए को हैं खुली बाहें मेरी...
तनहाई अजनबी की बांटता है मेरा दिल...
और लोग कहते हैं कि मैं बावरा हूँ...
दोस्त एक लम्हा है दोस्ती मंजिल है...
लम्हा न हो तो जिंदगी बोझिल है...
मंजिल को रास्ता मानता है मेरा दिल....
और लोग कहते हैं कि में बावरा हूँ...
मेरी अक्ल से झांकता है मेरा दिल...
और लोग कहते हैं कि मैं बावरा हूँ...
और लोग कहते हैं कि मैं बावरा हूँ...
मेरी मंजिल है सब मन्जिल पाएं....
गम भी आंसू भर भर के मुस्कुराएं...
याद सब की संभालता है मेरा दिल...
और लोग कहते हैं कि मैं बावरा हूँ...
औरो के दर्द हो तो नम हैं आँखें मेरी....
थामने बहके हुए को हैं खुली बाहें मेरी...
तनहाई अजनबी की बांटता है मेरा दिल...
और लोग कहते हैं कि मैं बावरा हूँ...
दोस्त एक लम्हा है दोस्ती मंजिल है...
लम्हा न हो तो जिंदगी बोझिल है...
मंजिल को रास्ता मानता है मेरा दिल....
और लोग कहते हैं कि में बावरा हूँ...
मेरी अक्ल से झांकता है मेरा दिल...
और लोग कहते हैं कि मैं बावरा हूँ...
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