Friday, February 3, 2012

मायने

हैराँ हूँ परेशाँ हूँ...
इस जिंदगी के मायने क्या हैं ?
जीने के, मरने के...
जिन्दादिली भरने के मायने क्या हैं ?
जो दिल चाहता है वो दुनिया नहीं....
और जो दुनिया चाहे उसे हम नहीं...
यूँ घुटने के यूँ टूटने के...
यूँ ही अरमा फूटने के मायने क्या हैं...
ये उमंग जो सिर्फ तरंग भर है...
पल को जिस्म जो  संग भर है...
जानकर भी अनजान के मायने क्या हैं...
हकीकत यही तो ठीक नहीं...
तबियत आज फिर ठीक नहीं....
मौत के बाद जिंदगी के मायने क्या हैं....
हैराँ हूँ परेशाँ हूँ....
इस जिंदगी के मायने क्या हैं...

भावार्थ...

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