अब कुछ मोजजा हो...
और मुझे होश आये...
बेहोशी टूटे जिंदगी की...
और फिर होश आये...
मन ही से हारा हूँ मैं ...
बुझा सा तारा हूँ मैं ...
बोझिल सा किनारा हूँ मैं ...
काश वो जोश आये...
और मुझे होश आये...
न इबादत का हुआ असर ...
न कोई सजदा ही नसीब....
न अपने की मन्नत लगी....
न कोई दुआ मांगे रकीब...
गम है एहसास का जज्बा....
काश ये दिल खोज लाये....
और मुझे होश आये...
भावार्थ
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