कौन कहता है बदलाव अच्छा नहीं होता
अक्टूबर की सुबह सैर पे जा के तो देखो
अक्टूबर की सुबह
मतलब
सर्दी की पहली चहल पहल
हाफ स्वेटर का आगाज़
हर पल चाय की उठती तलब
खुद पे इतराते हुए फूल
हाथ मलते हुए लोग
लम्बी सांस लेते सैर पे निकले लोग
गर घर से एक दम निकल जाओ
तो रोंगटे खड़े हो जाएं
कुछ ऐसी ही सुभावनी है
अक्टूबर की सुबह
भावार्थ
२२/१०/२०१५
अक्टूबर की सुबह सैर पे जा के तो देखो
अक्टूबर की सुबह
मतलब
सर्दी की पहली चहल पहल
हाफ स्वेटर का आगाज़
हर पल चाय की उठती तलब
खुद पे इतराते हुए फूल
हाथ मलते हुए लोग
लम्बी सांस लेते सैर पे निकले लोग
गर घर से एक दम निकल जाओ
तो रोंगटे खड़े हो जाएं
कुछ ऐसी ही सुभावनी है
अक्टूबर की सुबह
भावार्थ
२२/१०/२०१५
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