जींद चाहे अँधेरा हो
मौत मेरी उजाला हो
ठुकरा दे मुझे यादाश्त
जेहेन ने बस संभाला हो
बहरूपिया है ये वक़्त
क्या इसपर एतबार आये
खुली रहे मेरी आँखें
जो नींद आये तो एकबार आये
कैसे करू गुरूर-ए-वजूद
जिसे उसने माटी में ढाला हो
जींद चाहे अँधेरा हो
मौत मेरी उजाला हो
ठुकरा दे मुझे यादाश्त
जेहेन ने बस संभाला हो
मौत मेरी उजाला हो
ठुकरा दे मुझे यादाश्त
जेहेन ने बस संभाला हो
बहरूपिया है ये वक़्त
क्या इसपर एतबार आये
खुली रहे मेरी आँखें
जो नींद आये तो एकबार आये
कैसे करू गुरूर-ए-वजूद
जिसे उसने माटी में ढाला हो
जींद चाहे अँधेरा हो
मौत मेरी उजाला हो
जेहेन ने बस संभाला हो
काठी को खा जाएगा
एक दिन मौत का दीमक
जगमगाता सा तू जुगनू
बुझ जाएगा बन के दीपक
बन जायेगा वो ही रकीब
जिसे दोस्त सा तूने पाला हो
जींद चाहे अँधेरा हो
मौत मेरी उजाला हो
मौत मेरी उजाला हो
ठुकरा दे मुझे यादाश्त
जेहेन ने बस संभाला हो
जेहेन ने बस संभाला हो
भावार्थ
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