Saturday, October 15, 2011

उसके इर्द गिर्द !!!

राहत-ए-खुदा है जो गर तो उसके इर्द गिर्द...
चाहत-ए-जिंद  है जो गर  उसके इर्द गिर्द...
न नूर ही देखा , न पत्थर को सजदा...
इबादत है जो मेरी तो उसके इर्द गिर्द ...

भावार्थ 

No comments: