इश्क में जबसे मैं तुझ से जुदा हुआ ...
लोग कहते हैं तबसे मैं गुमशुदा हुआ ...
संग दुनिया ने जो मेरी मोहब्बत पे फैंके...
हर एक संग वो आज सूरत-ए-खुदा हुआ...
इश्क में जबसे मैं तुझ से जुदा हुआ ...
पाक रिश्तो को नहीं मिलते पाक अंजाम...
आज दुनिया में अँधा वो नूर-ए-खुदा हुआ...
इश्क में जबसे मैं तुझ से जुदा हुआ ...
तेरे दर की हर राह में मोहब्बत देखी मैंने...
बोसा बोसा कूचे का तेरे खौफ शुदा हुआ...
इश्क में जबसे मैं तुझ से जुदा हुआ ...
लोग कहते हैं तबसे मैं गुमशुदा हुआ ...
...भावार्थ
7 comments:
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...
पाक रिश्तो को नहीं मिलते पाक अंजाम...
आज दुनिया में अँधा वो नूर-ए-खुदा हुआ...
awesome lines... bahut khoob...
कब ? और कहाँ?
दिल तो आज भी
तुम्हारी चौखट पर
बेसुध पड़ा है
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (25/10/2010) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com
"ला-जवाब" जबर्दस्त!!
khoob surat rachnaa..
पाक रिश्तो को नहीं मिलते पाक अंजाम...
आज दुनिया में अँधा वो नूर-ए-खुदा हुआ...
bahut gahare arth liye hain ye panktiyan.... bahut khoob
संग दुनिया ने जो मेरी मोहब्बत पे फैंके...
हर एक संग वो आज सूरत-ए-खुदा हुआ...
वाह वाह वाह...
सभी शेर लाजवाब...बहुत सुन्दर ग़ज़ल !!!
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