Saturday, January 2, 2010

लोग !!!

जख्म की बोलियाँ लगाते लोग...
दर्द तराजू पे तोलते नज़र आते लोग...
आह को बाज़ार मैं ले जाते लोग...
कसक का मोल लगाते लोग...
गहरी चोट को बेचने जाते लोग...

इंसान कहलाने के काबिल नहीं...

भावर्थ

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