ये जिंदगी है कुछ एक पल...
जो तू चल सके तो मेरे साथ चल...
तेरी बाहों में हो जो मेरा जहाँ...
गम का वहां फ़िर न होगा निशाँ..
जिंदगी का है खाब तेरा साथ हो...
जगमगाते से दिन हो चांदनी रात हो ...
तुझसे शुरू हो मेरा सिल सिला...
फ़िर जिंदगी से न मुझको गिला...
तू फ़िर आज कह दे मेरी चाह है...
मंजिल तू ही शोना तू ही राह है...
ऐसा लगता है जैसे न आएगा कल...
जो तू चल सके तो मेरे साथ चल...
...भावार्थ
1 comment:
वाह बहुत खूब.
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